गुप्त वंश की स्थापना 240-280 ईसवी में श्रीगुप्त के शासनकाल में हुई थी। यद्यपि श्रीगुप्त को गुप्त वंश का संस्थापक माना जाता है, लेकिन उनकी और उनके पुत्र घटोत्कच की उपाधि 'महाराज' थी, जो सामंतों को दी जाती थी। इससे स्पष्ट होता है कि वे किसी शक्तिशाली सत्ता के अधीन थे। गुप्त वंश का वास्तविक विस्तार श्रीगुप्त के प्रपौत्र चंद्रगुप्त प्रथम के शासनकाल में हुआ। चंद्रगुप्त प्रथम (319-335 ईस्वी) ने 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण की और लिच्छवि राजकुमारी कुमारदेवी से विवाह किया। इस विवाह ने गुप्त वंश को राजनीतिक रूप से मजबूत बनाया और साम्राज्य विस्तार में मदद की। उन्होंने एक नए युग, गुप्त संवत की शुरुआत की, जिसे उनके राज्याभिषेक के वर्ष से गिना जाता है।
Answered :- 2022-12-09 15:35:15
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