आर्य समाज का मुख्य पेय पदार्थ सोमरस था। इसके अलावा आर्य समाज का पेय पदार्थ घी था। आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने घी को बड़ा महत्व दिया था और इसे पूजनीय माना था। वे मानते थे कि घी से हमारे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है और यह शरीर के अंगों को भी मजबूत बनाता है। उनके अनुसार, घी सभी भोजनों की रानी होती है और इसे अधिक मात्रा में लेने से शरीर को कई गुणा फायदा होता है। इसीलिए घी आर्य समाज के लोगों के दैनिक आहार का एक अहम हिस्सा था।
इसके अलावा, आर्य समाज का एक अन्य महत्वपूर्ण पेय पदार्थ था जल। स्वामी दयानंद सरस्वती ने जल को जीवन का मूल पदार्थ माना था और लोगों को शुद्ध जल का सेवन करने की सलाह दी थी। उन्होंने बताया था कि जल से हमें शुद्धि मिलती है और यह हमारे शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। इसलिए, आर्य समाज के लोग जल को शुद्ध रखने वाली तकनीकों का उपयोग करते थे