अकबर के दरबार में प्रसिद्ध ग्रंथकर्ताओं में मुहम्मद हुसैन प्रमुख थे।
मुहम्मद हुसैन एक उत्कृष्ट सुलेखक (calligrapher) थे और उन्हें "जरीन कलम" (golden pen) की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुगल पांडुलिपियों को सुशोभित किया, जिनमें 'रज्मनामा' (महाभारत का फ़ारसी अनुवाद) भी शामिल है। उनकी सुलेख शैली अद्वितीय थी और उसे कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक माना जाता था।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अकबर के दरबार में कई अन्य प्रतिभाशाली ग्रंथकर्ता भी थे, जैसे कि:
अबुल फजल: वे अकबरनामा और आईन-ए-अकबरी के लेखक थे।
फैजी: वे एक कवि और अनुवादक थे। उन्होंने लीलावती (गणित की पुस्तक) का फारसी में अनुवाद किया।
बदायुनी: वे एक इतिहासकार थे जिन्होंने 'मुंतखब-उत-तवारीख' नामक पुस्तक लिखी।
इसलिए, जबकि मुहम्मद हुसैन अपनी सुलेख कला के लिए प्रसिद्ध थे, अबुल फजल और फैजी जैसे अन्य ग्रंथकर्ताओं ने भी अकबर के दरबार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। ये सभी विद्वान अकबर के दरबार को ज्ञान और कला का केंद्र बनाने में सहायक थे।
Answered :- 2022-12-12 07:52:34
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