इटली के ग्रैण्ड कौंसिल ऑफ फासिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या 25 थी। यह परिषद इटली की फासिस्ट सरकार की एक प्रमुख संस्था थी। इसकी स्थापना बेनिटो मुसोलिनी द्वारा 1922 में की गई थी। भूमिका: ग्रैण्ड कौंसिल ने इतालवी फासीवादी शासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह मुख्य नीतिगत निर्णय लेने और कानून प्रस्तावित करने में शामिल थी। कौंसिल के सदस्य इटली की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को आकार देने में प्रभावशाली थे। सदस्य: कौंसिल के सदस्यों में फासीवादी पार्टी के प्रमुख सदस्य, सरकार के मंत्री और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल थे। मुसोलिनी खुद कौंसिल के अध्यक्ष थे। शक्ति: ग्रैण्ड कौंसिल की शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती गई, और 1928 तक, इसे संविधान में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया, जिससे यह देश का सर्वोच्च विधायी निकाय बन गया। पतन: 1943 में, ग्रैण्ड कौंसिल ने मुसोलिनी के खिलाफ वोट दिया, जिसके कारण उन्हें सत्ता से हटा दिया गया। इसके बाद, कौंसिल को भंग कर दिया गया। इस प्रकार, इटली की फासिस्ट पार्टी की ग्रैंड काउंसिल न केवल 25 सदस्यों का एक समूह था, बल्कि फासीवादी शासन की शक्ति और निर्णय लेने की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी था।

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