चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में दण्डपाशिक पुलिस विभाग का प्रधान होता था। यह पद महत्वपूर्ण था क्योंकि इसका कार्य राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखना था। दण्डपाशिक न केवल अपराधियों को पकड़ता था, बल्कि अपराधों की रोकथाम और जांच भी करता था। दण्डपाशिक का महत्व: गुप्त काल में कानून व्यवस्था का महत्व था, और दण्डपाशिक का पद इस व्यवस्था को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। अन्य पदाधिकारी: गुप्त प्रशासन में कई अन्य पदाधिकारी भी थे, जो दण्डपाशिक के साथ मिलकर काम करते थे। जैसे कि महादण्डनायक (मुख्य न्यायाधीश) और अन्य स्थानीय अधिकारी। न्याय व्यवस्था: गुप्त काल की न्याय व्यवस्था सुव्यवस्थित थी, और दण्डपाशिक इस व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। स्रोत: इस जानकारी के स्रोत गुप्तकालीन शिलालेख, साहित्य और अन्य ऐतिहासिक दस्तावेज हैं।

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी बलाधिकृत क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी महादण्डनायक क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी महाप्रतिहार क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय ने किस पर्वत पर विष्णु ध्वज की स्थापना की थी?

चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को कितने हाथी उपहार स्वरूप दिए थे?

चन्द्रगुप्त प्रथम किस वंश का राजा था?

चन्द्रगुप्त प्रथम की पत्नी का क्या नाम था?

चन्द्रगुप्त प्रथम की पत्नी कुमार देवी का सम्बन्ध किस प्रसिद्ध कुल से था?

चन्द्रगुप्त प्रथम ने किसको अपना उत्तराधिकारी बनाने के बाद संन्यास ग्रहण कर लिया था?

चन्द्रगुप्त मौर्य एवं सेल्यूकस के बीच युद्ध कब हुआ था?

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