चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी कुमारामात्य, प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण पद था। कुमारामात्य का पद गुप्त साम्राज्य में एक उच्चस्तरीय अधिकारी का पद था, और यह सीधे राजा के प्रति उत्तरदायी होता था। कार्य: कुमारामात्य का मुख्य कार्य साम्राज्य के विभिन्न प्रशासनिक कार्यों का संचालन करना था। इसमें करों का संग्रह, कानून व्यवस्था बनाए रखना, न्याय प्रदान करना, और सार्वजनिक निर्माण कार्यों का निरीक्षण करना शामिल था। वे सेना का नेतृत्व भी करते थे। नियुक्ति: कुमारामात्यों की नियुक्ति राजा द्वारा उनकी योग्यता और निष्ठा के आधार पर की जाती थी। प्रायः राजकुमारों या राजवंश के करीबी सदस्यों को इस पद पर नियुक्त किया जाता था। महत्व: कुमारामात्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। उनकी कुशलता और ईमानदारी पर साम्राज्य की स्थिरता और समृद्धि निर्भर करती थी। क्षेत्र: कुमारामात्य का पद अलग-अलग क्षेत्रों के प्रशासन के लिए होता था, जैसे कि किसी प्रांत या जिले का प्रशासन।

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी दंडपाशिक क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी बलाधिकृत क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी महादण्डनायक क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय के पदाधिकारी महाप्रतिहार क्या कहलाता था?

चन्द्रगुप्त द्वितीय ने किस पर्वत पर विष्णु ध्वज की स्थापना की थी?

चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस को कितने हाथी उपहार स्वरूप दिए थे?

चन्द्रगुप्त प्रथम किस वंश का राजा था?

चन्द्रगुप्त प्रथम की पत्नी का क्या नाम था?

चन्द्रगुप्त प्रथम की पत्नी कुमार देवी का सम्बन्ध किस प्रसिद्ध कुल से था?

चन्द्रगुप्त प्रथम ने किसको अपना उत्तराधिकारी बनाने के बाद संन्यास ग्रहण कर लिया था?

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