अकबर का शासनकाल 1556 ई० से 1605 ई० तक था।
अकबर का शासनकाल, जो 1556 ई० से 1605 ई० तक चला, भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है। उसका पूरा नाम जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर था और वह मुगल सम्राट हुमायूँ का पुत्र था।
अकबर का राज्याभिषेक 1556 में हुमायूँ की मृत्यु के बाद कलानौर में हुआ था, उस समय वह केवल 13 वर्ष का था। शुरुआती वर्षों में, बैरम खान ने रीजेंट के रूप में शासन संभाला और साम्राज्य को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपने शासनकाल के दौरान, अकबर ने मुगल साम्राज्य का विस्तार किया, जिसमें वर्तमान भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अधिकांश हिस्से शामिल थे। उसने कई सैन्य अभियान चलाए और राजपूतों, गोंडवाना और अन्य क्षेत्रों को अपने अधीन किया।
अकबर की शासन प्रणाली धर्मनिरपेक्ष और उदार थी। उसने "दीन-ए-इलाही" नामक एक नया धर्म स्थापित किया, जिसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों के बीच सद्भाव स्थापित करना था। उसने हिंदू और मुस्लिम विद्वानों को समान रूप से संरक्षण दिया और धार्मिक सहिष्णुता की नीति का पालन किया।
अकबर के शासनकाल में कला, साहित्य और वास्तुकला का विकास हुआ। उसने फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा और आगरा का किला जैसे कई शानदार इमारतों का निर्माण करवाया। उसके दरबार में नवरत्न (नौ रत्न) थे, जो विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञ थे, जैसे कि बीरबल, तानसेन और अबुल फजल।
अकबर की मृत्यु 1605 में हुई और उसे आगरा के पास सिकंदरा में दफनाया गया। वह मुगल साम्राज्य के सबसे महान शासकों में से एक माना जाता है।
Answered :- 2022-12-12 07:47:42
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