इटली राष्ट्र का जन्म 2 अप्रैल, 1860 ई० से माना जाता है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया का परिणाम था। 19वीं सदी के मध्य तक, इटली कई स्वतंत्र राज्यों में विभाजित था, जिनमें से कुछ विदेशी शक्तियों के नियंत्रण में थे।
इटली को एकजुट करने का आंदोलन (जिसे "रिसोरिजिमेंटो" कहा जाता है) 19वीं सदी के शुरुआती वर्षों में शुरू हुआ। इस आंदोलन का उद्देश्य एक एकीकृत इटली का निर्माण करना था जो स्वतंत्र और संप्रभु हो।
इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने भूमिका निभाई, जिनमें गिउसेप्पे मेत्सिनी, कैमिलो बेन्सो, काउंट ऑफ कावूर और गिउसेप्पे गैरीबाल्डी शामिल हैं।
गिउसेप्पे मेत्सिनी: एक राष्ट्रवादी दार्शनिक और कार्यकर्ता थे, जिन्होंने "यंग इटली" नामक एक गुप्त समाज की स्थापना की, जिसका उद्देश्य एक एकीकृत, गणतंत्र इटली की स्थापना करना था।
कैमिलो बेन्सो, काउंट ऑफ कावूर: सार्डिनिया-पीडमोंट के प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने इटली के एकीकरण के लिए कूटनीतिक और राजनीतिक रणनीति का इस्तेमाल किया। उन्होंने फ्रांस के साथ गठबंधन करके ऑस्ट्रिया को पराजित करने और लोम्बार्डी को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गिउसेप्पे गैरीबाल्डी: एक देशभक्त और सैन्य नेता थे, जिन्होंने "हजारों की रेड शर्ट" के साथ सिसिली और नेपल्स पर विजय प्राप्त की, जिससे दक्षिणी इटली को उत्तरी इटली के साथ मिलाने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
2 अप्रैल, 1860 को, सार्डिनिया-पीडमोंट के राजा विक्टर इमैनुएल द्वितीय को इटली का राजा घोषित किया गया। इस घटना को इटली राष्ट्र के जन्म के रूप में माना जाता है, हालांकि वेनिस (1866) और रोम (1870) के शामिल होने के बाद ही इटली का एकीकरण पूर्ण हुआ।
इसलिए, जबकि 2 अप्रैल, 1860 एक महत्वपूर्ण तिथि है, इटली का एकीकरण एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी जो कई वर्षों तक चली।
Answered :- 2022-12-11 17:46:05
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