गुप्त शासक समुद्रगुप्त की उपाधि पराक्रमांक थी, जिसका अर्थ है 'पराक्रम का प्रतीक' या 'असाधारण पराक्रम वाला'। यह उपाधि उनकी सैन्य विजयों और साम्राज्य विस्तार को दर्शाती है। समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने शासनकाल में कई युद्ध जीते और गुप्त साम्राज्य को एक शक्तिशाली राज्य बनाया। समुद्रगुप्त एक कुशल योद्धा और रणनीतिकार थे। उन्होंने उत्तरी भारत के कई राजाओं को हराया और उन्हें अपना अधीन बनाया। उन्होंने दक्षिण भारत में भी सैन्य अभियान चलाया और कई राज्यों को कर देने के लिए मजबूर किया। उनके पराक्रम और सैन्य कौशल के कारण ही उन्हें 'पराक्रमांक' की उपाधि मिली। 'पराक्रमांक' के अलावा, समुद्रगुप्त को 'कविराज' की उपाधि भी प्राप्त थी, जो उनकी कला और साहित्य में रुचि को दर्शाती है। उनके सिक्कों पर उन्हें वीणा बजाते हुए दर्शाया गया है, जिससे पता चलता है कि वे संगीत में भी निपुण थे। संक्षेप में, समुद्रगुप्त की उपाधि 'पराक्रमांक' उनकी असाधारण सैन्य उपलब्धियों और शक्ति का प्रतीक थी, जिसने उन्हें गुप्त साम्राज्य के महानतम शासकों में से एक बना दिया।

New Questions