ऑस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट (Triple Alliance) का निर्माण 1882 ई० में हुआ था। यह गठबंधन यूरोप में शक्ति संतुलन बनाए रखने और फ्रांस के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से किया गया था। इस गठबंधन के मुख्य कारण इस प्रकार थे: जर्मनी का उद्देश्य: जर्मनी का चांसलर बिस्मार्क फ्रांस को अलग-थलग रखना चाहता था और जर्मनी के नेतृत्व में एक मजबूत केंद्रीय यूरोपीय गुट बनाना चाहता था। ऑस्ट्रिया-हंगरी की आवश्यकता: ऑस्ट्रिया-हंगरी को रूस के बाल्कन क्षेत्र में विस्तार को रोकने के लिए समर्थन की आवश्यकता थी। इटली की महत्वाकांक्षाएं: इटली उत्तरी अफ्रीका में अपने औपनिवेशिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली सहयोगी चाहता था और फ्रांस के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण थे। त्रिगुट की शर्तों के अनुसार, यदि इनमें से किसी भी देश पर किसी तीसरे देश द्वारा हमला किया जाता है, तो बाकी दो देश उसकी सहायता करेंगे। हालांकि, इस गठबंधन में कई कमजोरियां थीं, खासकर इटली की प्रतिबद्धता को लेकर संदेह था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, इटली ने 1915 में त्रिगुट से अलग होकर मित्र राष्ट्रों (Allied Powers) का साथ दिया।

New Questions