अकबर ने अपने गुजरात विजय की स्मृति में राजधानी फतेहपुर सीकरी में एक बुलन्द दरवाजा बनवाया था। अतिरिक्त जानकारी: बुलन्द दरवाजा, जिसका अर्थ है "उच्च द्वार," मुगल बादशाह अकबर द्वारा 1601 ईस्वी में गुजरात पर अपनी विजय के उपलक्ष्य में बनवाया गया था। यह फतेहपुर सीकरी के जामा मस्जिद के पूर्वी प्रवेश द्वार के रूप में स्थित है। स्थापत्य शैली: यह मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो फारसी और भारतीय शैलियों का मिश्रण है। यह लाल बलुआ पत्थर से बना है और सफेद संगमरमर से सजाया गया है। आकार: इसकी ऊंचाई लगभग 54 मीटर (177 फीट) है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊंचे दरवाजों में से एक बनाती है। अभिलेख: दरवाजे पर कुरान की आयतें उत्कीर्ण हैं। महत्व: यह न केवल अकबर की सैन्य सफलता का प्रतीक है, बल्कि मुगल साम्राज्य की शक्ति और समृद्धि का भी प्रतिनिधित्व करता है। अन्य विवरण: बुलन्द दरवाजा फतेहपुर सीकरी के प्रमुख आकर्षणों में से एक है और हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह मुगल वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।

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