• पार्श्वनाथ के समय में ही जैन धर्म दिगम्बर एंव श्वेताम्बर सम्प्रदाय में विभक्त हो गया

  • जैन धर्म के त्रिरत्न हैं - सम्यक ज्ञान, सम्यक चरित्र व सम्यक विश्वास

  • जैन धर्म को ईश्वर में पूर्ण विश्वास हैं

  • जैन धर्म में तीर्थंकर को सर्वाधिक महत्व दिया गया हैं


जैन धर्म में तीर्थंकर को सर्वाधिक महत्व दिया गया हैं