अकबर द्वारा फतेहपुर सीकरी का निर्माण 1571 ईसवी में करवाया गया था। यह निर्माण कार्य लगभग 1585 तक चला। इस शहर का निर्माण अकबर ने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के सम्मान में करवाया था, जिनसे उन्हें पुत्र प्राप्ति की उम्मीद थी। वास्तव में, जहाँगीर (पहले राजकुमार सलीम) का जन्म फतेहपुर सीकरी में ही हुआ था।
फतेहपुर सीकरी का शाब्दिक अर्थ "विजय का शहर" है, और यह नाम गुजरात पर अकबर की विजय के बाद रखा गया था। यह शहर मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें फारसी और भारतीय शैलियों का सुंदर मिश्रण है। लाल बलुआ पत्थर का व्यापक उपयोग इसकी विशिष्ट विशेषता है।
फतेहपुर सीकरी में कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं, जिनमें बुलंद दरवाजा (शानदार दरवाजा, जो दुनिया का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है), सलीम चिश्ती का मकबरा (सफेद संगमरमर से बना), दीवान-ए-आम (सार्वजनिक दर्शकों का हॉल), दीवान-ए-खास (निजी दर्शकों का हॉल), जोधा बाई का महल और पंच महल शामिल हैं।
हालांकि, फतेहपुर सीकरी को 1585 के आसपास छोड़ दिया गया था। इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं, जिनमें पानी की कमी और आसपास के क्षेत्रों में अशांति शामिल हैं। इसके बाद अकबर ने अपनी राजधानी लाहौर स्थानांतरित कर दी। आज, फतेहपुर सीकरी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और मुगल वास्तुकला के प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
Answered :- 2022-12-12 08:04:54
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