फासिज्म का उदय सर्वप्रथम इटली में हुआ था। यह 20वीं सदी के पूर्वार्ध में बेनिटो मुसोलिनी के नेतृत्व में विकसित हुआ एक उग्र राष्ट्रवादी, अधिनायकवादी राजनीतिक आंदोलन था।
मुसोलिनी ने 1919 में 'फासी डि कॉम्बैटिमेंटो' (Fasci di Combattimento) नामक संगठन की स्थापना की, जिसका शाब्दिक अर्थ है "संघर्ष की गठरी"। इस संगठन ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद इटली में व्याप्त सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता का लाभ उठाया। युद्ध के बाद इटली में आर्थिक संकट, बेरोजगारी, और राजनीतिक असंतोष व्याप्त था। लोग एक मजबूत नेतृत्व और व्यवस्था चाहते थे।
फासिज्म ने राष्ट्रवाद, सैन्य शक्ति, और राज्य के सर्वोच्च अधिकार पर जोर दिया। इसने लोकतंत्र, उदारवाद, और साम्यवाद का विरोध किया। फासीवादी विचारधारा ने इटली को एक महान साम्राज्य बनाने और प्राचीन रोमन साम्राज्य की महिमा को पुनर्स्थापित करने का वादा किया।
मुसोलिनी ने अपनी ब्लैकशर्ट (Blackshirts) नामक अर्धसैनिक बल के माध्यम से विरोधियों को दबाया और हिंसा का इस्तेमाल किया। 1922 में, उन्होंने 'मार्च ऑन रोम' (March on Rome) नामक एक प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप इटली के राजा विक्टर इमैनुएल तृतीय ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
इसके बाद, मुसोलिनी ने धीरे-धीरे अपनी शक्ति मजबूत की और एक अधिनायकवादी शासन स्थापित किया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगा दिया, प्रेस को सेंसर कर दिया, और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सीमित कर दिया। फासिज्म इटली में 1943 तक सत्ता में रहा, जब मुसोलिनी को पद से हटा दिया गया और बाद में मार दिया गया।
फासिज्म का इटली में उदय कई कारकों का परिणाम था, जिसमें युद्ध के बाद की अस्थिरता, आर्थिक संकट, राजनीतिक असंतोष, और एक मजबूत नेता की इच्छा शामिल थी। यह एक खतरनाक विचारधारा थी जिसने यूरोप और दुनिया भर में उग्रवाद और युद्ध को बढ़ावा दिया।
Answered :- 2022-12-11 18:19:04
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