अमेरिगो वेस्पुसी इटली के फ्लोरेंस (Florence) शहर के नागरिक थे। उनका जन्म 9 मार्च 1454 को फ्लोरेंस में हुआ था और उनकी मृत्यु 22 फरवरी 1512 को सेविला, स्पेन में हुई। वे एक इतालवी खोजकर्ता, नाविक, मानचित्रकार और व्यापारी थे। वे अपने अटलांटिक महासागर के कई यात्राओं के लिए प्रसिद्ध हैं, विशेष रूप से 1499-1500 और 1501-1502 के बीच की यात्राओं के लिए। इन यात्राओं के दौरान, उन्होंने दक्षिण अमेरिका के पूर्वी तट का पता लगाया और यह निष्कर्ष निकाला कि यह एक नया महाद्वीप है, न कि एशिया का पूर्वी भाग, जैसा कि क्रिस्टोफर कोलंबस का मानना था। 1507 में, जर्मन मानचित्रकार मार्टिन वाल्डसीमुलर ने अपने विश्व मानचित्र में इस नए महाद्वीप को 'अमेरिका' नाम दिया, जो वेस्पुसी के लैटिनकृत नाम 'अमेरिकस' से लिया गया था, ताकि वेस्पुसी को इस खोज का श्रेय दिया जा सके। वेस्पुसी ने 'मुंडस नोवस' नामक एक प्रसिद्ध पत्र भी लिखा, जिसमें उन्होंने अपने यात्राओं का वर्णन किया और इस नए महाद्वीप के बारे में अपने विचारों को व्यक्त किया। हालांकि, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस पत्र के कुछ अंश वेस्पुसी ने नहीं लिखे थे। फिर भी, वेस्पुसी का योगदान महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके यात्राओं और लेखन ने यूरोप में इस धारणा को बदलने में मदद की कि कोलंबस ने एशिया के पूर्वी तट की खोज की थी।

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