पेट्रॉक इटली के निवासी थे, लेकिन उनका जीवन कई जगहों से जुड़ा हुआ था। उनका जन्म 1304 में अरेट्ज़ो (Arezzo) में हुआ था, जो टस्कनी (Tuscany) क्षेत्र में स्थित एक छोटा सा शहर है। उस समय उनके पिता, एक नोटरी थे, फ्लोरेंस से निष्कासित कर दिए गए थे और अरेट्ज़ो में रह रहे थे। बाद में पेट्रॉक का परिवार फ्रांस चला गया, जहाँ उन्होंने मोंटपेलियर (Montpellier) और बोलोग्ना (Bologna) विश्वविद्यालयों में कानून की पढ़ाई की। हालाँकि पेट्रॉक ने इटली के बाहर भी काफी समय बिताया, लेकिन इटली के प्रति उनका प्रेम और जुड़ाव हमेशा बना रहा। उन्होंने अपना अधिकांश लेखन कार्य इटली में ही किया और शास्त्रीय रोमन संस्कृति के पुनरुत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पेट्रॉक को मानवतावाद (Humanism) के जनक के रूप में भी जाना जाता है, जो पुनर्जागरण काल का एक महत्वपूर्ण बौद्धिक आंदोलन था। उन्होंने प्राचीन लेखकों की रचनाओं का अध्ययन किया और लोगों को कला, साहित्य और दर्शन के महत्व को समझने के लिए प्रोत्साहित किया। पेट्रॉक ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें पोप के दरबार में एक राजनयिक और विभिन्न शाही परिवारों के सलाहकार शामिल थे। उन्होंने कई कविताएँ, पत्र और निबंध लिखे, जिनमें "कैनज़ोनियर" (Canzoniere) सबसे प्रसिद्ध है। यह संग्रह उनकी कविता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें उन्होंने लौरा नामक एक महिला के प्रति अपने प्रेम का वर्णन किया है। इसलिए, भले ही पेट्रॉक का जीवन इटली के बाहर भी बीता, लेकिन वे हमेशा एक इतालवी लेखक और मानवतावादी के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने इतालवी साहित्य और संस्कृति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया।

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