अकबर का राज्याभिषेक कालानौर में हुआ था। यह घटना 14 फरवरी 1556 को घटी थी, जब हुमायूं की मृत्यु के बाद अकबर को मुगल साम्राज्य का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। कालानौर, जो वर्तमान में पंजाब राज्य के गुरदासपुर जिले में स्थित है, उस समय एक महत्वपूर्ण स्थान था। दिलचस्प बात यह है कि अकबर का राज्याभिषेक किसी भव्य समारोह में नहीं हुआ था। दरअसल, यह एक साधारण और त्वरित कार्यक्रम था। कारण यह था कि हुमायूं की मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य एक नाजुक दौर से गुजर रहा था। कई विरोधी ताकतें साम्राज्य को चुनौती दे रही थीं। ऐसे में, अकबर को तुरंत सिंहासन पर बैठाना आवश्यक था ताकि नेतृत्व का संकट टाला जा सके। बैराम खान, जो अकबर के संरक्षक और वज़ीर थे, ने इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न कराया। उन्होंने एक साधारण चबूतरे को सिंहासन के रूप में इस्तेमाल किया और अकबर को बादशाह घोषित किया। इस घटना ने मुगल इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत की, और अकबर आगे चलकर भारत के महानतम शासकों में से एक साबित हुआ।

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