अकबर कालीन मुगल राजत्व सिद्धांत की स्पष्ट व्याख्या अबुल फजल ने आइने-अकबरी में की है। यह ग्रंथ अकबरनामा का तीसरा भाग है और मुगल साम्राज्य के प्रशासन, संस्कृति और समाज का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। आइने-अकबरी में अबुल फजल ने अकबर के राजत्व सिद्धांत, जिसे "सुल्ह-ए-कुल" (सार्वभौमिक शांति) के रूप में जाना जाता है, की विस्तृत व्याख्या की है।
सुल्ह-ए-कुल का सिद्धांत धार्मिक सहिष्णुता, न्याय और सभी धर्मों के प्रति सम्मान पर आधारित था। अबुल फजल के अनुसार, अकबर एक आदर्श शासक था जो सभी धर्मों और समुदायों के लोगों के साथ समान व्यवहार करता था। उसने जोर दिया कि राजा को अपनी प्रजा के लिए एक पिता की तरह होना चाहिए, जो बिना किसी भेदभाव के सभी की देखभाल करे।
आइने-अकबरी में अबुल फजल ने यह भी बताया कि अकबर ने किस प्रकार साम्राज्य को संगठित किया, प्रशासनिक तंत्र स्थापित किया और भूमि राजस्व प्रणाली में सुधार किया। उन्होंने मनसबदारी प्रणाली का भी विस्तृत विवरण दिया, जो मुगल साम्राज्य की सैन्य और प्रशासनिक संरचना की रीढ़ थी।
इसके अतिरिक्त, आइने-अकबरी अकबर के दरबार, कला, साहित्य, संगीत और विज्ञान के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है। यह मुगल साम्राज्य के सामाजिक और आर्थिक जीवन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अबुल फजल की लेखन शैली विषद और विस्तृत है, जो आइने-अकबरी को मुगल इतिहास के अध्ययन के लिए एक अनिवार्य ग्रंथ बनाती है।
Answered :- 2022-12-12 07:47:42
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