अकबर ने तानसेन को "कण्ठाभरण वाणीविलास" की उपाधि प्रदान की थी, जो कि तानसेन की असाधारण गायन प्रतिभा और संगीत कला के प्रति सम्राट अकबर के गहरे सम्मान का प्रतीक थी। यह उपाधि, जिसका अर्थ है "आभूषण की तरह मधुर वाणी", तानसेन को मुगल दरबार में प्राप्त सर्वोच्च सम्मानों में से एक थी। इस उपाधि के अलावा, तानसेन अकबर के नवरत्नों (नौ रत्नों) में से एक थे, जो मुगल दरबार के सबसे बुद्धिमान और प्रतिभाशाली व्यक्तियों का समूह था। यह दर्शाता है कि अकबर ने तानसेन को न केवल एक महान संगीतकार के रूप में माना, बल्कि उन्हें अपने साम्राज्य के लिए एक मूल्यवान संपत्ति के रूप में भी देखा। तानसेन, जिनका मूल नाम रामतनु पांडे था, ग्वालियर के रहने वाले थे और उन्होंने स्वामी हरिदास से संगीत की शिक्षा प्राप्त की थी। अकबर के दरबार में आने से पहले, वे रीवा के राजा रामचंद्र सिंह के दरबार में भी रहे थे। कण्ठाभरण वाणीविलास की उपाधि मिलने के बाद, तानसेन मुगल दरबार में संगीत के एक प्रमुख स्तंभ बन गए। उन्होंने कई नए रागों की रचना की और भारतीय शास्त्रीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी रचनाएँ आज भी भारतीय संगीतकारों द्वारा गाई और बजाई जाती हैं। तानसेन की संगीत कला और उनके द्वारा रचित राग, जैसे कि "राग दीपक" और "राग मेघ मल्हार", आज भी प्रसिद्ध हैं और उनकी विरासत को जीवित रखे हुए हैं।

अकबर ने दहसाला नाम की नवीन कर प्रणाली 1580 ई० में प्रारम्भ की जिसे क्या कहा जाता था?

अकबर ने दहसाला नाम की नवीन कर प्रणाली कब प्रारम्भ की थी?

अकबर ने दीन-ए-इलाही या तौहीद-ए-इलाही की घोषण कब की थी?

अकबर ने भूमि की पैमाइश हेतु सिकन्दरी गज के स्थान पर इलाही गज कब प्रचलित किया था?

अकबर ने भूमि की पैमाइश हेतु सिकन्दरी गज के स्थान पर किस गज को प्रचलित किया था?

अकबर ने महजरनामा नामक दस्तावेज कब जारी किया था?

अकबर ने मुजफ्फर खाँ के बाद किसको दीवान नियुक्त किया था?

अकबर ने सम्राट की उपाधि किस विजय के बाद ग्रहण की थी?

अकबर ने सम्राट बनने के बाद बैरम खाँ को किस पद पर नियुक्त किया था?

अकबर ने सम्राट बनने पर किसको खान-ए-खाना की उपाधि दी थी?

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