अकबर ने काबुल की सूबेदारी बख्तुन्निसा बेगम को सौंपी थी, यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था जो मुगल साम्राज्य में महिलाओं की भूमिका और राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाता है। बख्तुन्निसा बेगम, जो अकबर की रिश्तेदार थीं, को यह जिम्मेदारी 1580 के दशक में दी गई थी। काबुल उस समय एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र था, जो मुगल साम्राज्य और मध्य एशिया के बीच एक बफर जोन के रूप में कार्य करता था। इस क्षेत्र में लगातार विद्रोह और राजनीतिक अस्थिरता बनी रहती थी, इसलिए यहां एक सक्षम और विश्वसनीय प्रशासक की नियुक्ति आवश्यक थी।
बख्तुन्निसा बेगम को सूबेदार नियुक्त करने के अकबर के फैसले के कई कारण थे। पहला, अकबर का उन पर विश्वास था और उन्हें उनकी प्रशासनिक क्षमताओं पर भरोसा था। दूसरा, मुगल साम्राज्य में महिलाओं को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने की एक परंपरा थी, खासकर शाही परिवार की महिलाओं को। इसका एक उदाहरण माहम अंगा भी हैं, जिन्होंने अकबर के शुरुआती शासनकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बख्तुन्निसा बेगम ने काबुल में अपने कार्यकाल के दौरान कुशलतापूर्वक प्रशासन चलाया। उन्होंने स्थानीय सरदारों के साथ अच्छे संबंध बनाए और विद्रोहों को दबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने काबुल में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए कई प्रशासनिक और आर्थिक सुधार भी किए। उनकी नियुक्ति यह दर्शाती है कि मुगल साम्राज्य में महिलाओं को उनकी क्षमता के अनुसार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती थीं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बख्तुन्निसा बेगम की नियुक्ति अपवाद थी, नियम नहीं। मुगल साम्राज्य में अधिकांश महिलाओं को राजनीतिक शक्ति से दूर रखा जाता था। फिर भी, उनकी कहानी मुगल इतिहास में महिलाओं की भूमिका और प्रभाव को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।
Answered :- 2022-12-12 08:13:00
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