काउण्ट कावूर ने इटली की समस्या को अंतर्राष्ट्रीय समस्या बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने न केवल चतुराईपूर्ण कूटनीति का इस्तेमाल किया बल्कि इटली के एकीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय शक्तियों का समर्थन हासिल करने में भी सफल रहे।
यहाँ कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:
क्रीमिया युद्ध में भागीदारी: कावूर ने सार्डीनिया-पिडमॉन्ट को क्रीमिया युद्ध (1853-1856) में फ्रांस और ब्रिटेन के साथ शामिल कराया। इससे उन्हें न केवल प्रमुख यूरोपीय शक्तियों के साथ संबंधों को मजबूत करने का अवसर मिला, बल्कि इटली की समस्या को उनके ध्यान में लाने का भी मौका मिला।
नेपोलियन III के साथ समझौता: कावूर ने फ्रांस के सम्राट नेपोलियन III के साथ एक गुप्त समझौता किया, जिसके तहत फ्रांस ने ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध में सार्डीनिया-पिडमॉन्ट का समर्थन करने का वादा किया, जिसके बदले में सार्डीनिया को नीस और सेवॉय फ्रांस को सौंपने थे। इस समझौते ने इटली के एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा।
कूटनीतिक कौशल: कावूर एक कुशल कूटनीतिज्ञ थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इटली के हितों का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया और यूरोपीय शक्तियों को यह विश्वास दिलाया कि इटली में ऑस्ट्रियाई प्रभुत्व यूरोप में शक्ति संतुलन के लिए खतरा है।
जनमत का निर्माण: कावूर ने इटली के बाहर भी जनमत को जुटाने का प्रयास किया। उन्होंने यूरोपीय प्रेस और बुद्धिजीवियों को इटली के एकीकरण के समर्थन में लाने के लिए काम किया।
इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, इटली की समस्या केवल एक क्षेत्रीय मामला नहीं रही, बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन गई, जिसमें कई यूरोपीय शक्तियों के हित जुड़े हुए थे। कावूर की कूटनीति और रणनीतिक सोच ने इटली के एकीकरण के मार्ग को प्रशस्त किया।
Answered :- 2022-12-11 17:43:34
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