अगर पिण्ड को दोनों ओर से समान बल द्वारा खींचा जाता है, तो ऐसी दशा में पिण्ड गति नहीं करता। इस तरह के बलों को संतुलित बल कहते हैं तथा यह गति की अवस्था को परिवर्तित नहीं करता।