• यह अति कठोर हो जाती है

  • यह सूर्य से प्राप्त अधिकाँश ऊष्मा को परावर्तित कर देती है

  • इसकी विशिष्ट ऊष्मा क्षमता कम होती है

  • इसमे संगलन की गुप्त ऊष्मा अधिक होती है


यह सूर्य से प्राप्त अधिकाँश ऊष्मा को परावर्तित कर देती है