केलक:
कदर्लिक:
कदलिक:
कदली
केवल मनोरंजन न कवि का कर्म होना चाहिए| उसमें उचित उपदेश का भि मर्म होना चाहिए || प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता हैं
कैची किस भाषा का शब्द है?
कोई इर घाट तो कोई बीर घाट का अर्थ है?
कोई कौन सा विशेषण है?
कोई भी छंद किसमे विभक्त रहता है?
कोई विशेषण है?
कोई हर घाट तो कोई वीर घाट का अर्थ है -
कोन भाषा का अंग नही है?
कोन विशेष्ण का भेद नही है?
कोन सा निश्चयवाचक सर्वनाम का उदहारण है?