अजातशत्रु के पुत्र का नाम उदायिन था। उदायिन, जिसे उदयभद्र के नाम से भी जाना जाता है, हर्यक वंश का एक महत्वपूर्ण शासक था। उसने अपने पिता अजातशत्रु की हत्या करके सिंहासन प्राप्त किया था, जिसके कारण उसे पितृहंता भी कहा जाता है। उदायिन ने पाटलिपुत्र (आधुनिक पटना) शहर की स्थापना की और इसे मगध की राजधानी बनाया। यह निर्णय मगध के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि पाटलिपुत्र गंगा और सोन नदियों के संगम पर स्थित था, जिससे व्यापार और सैन्य नियंत्रण में आसानी होती थी। हालांकि उदायिन का शासन काल बहुत लम्बा नहीं था, लेकिन पाटलिपुत्र की स्थापना ने उसे इतिहास में अमर कर दिया। उसके बाद उसके पुत्रों, अनिरुद्ध और दर्शक ने शासन किया, लेकिन वे अधिक प्रभावी शासक साबित नहीं हुए। जैन ग्रंथों में उदायिन को जैन धर्म का अनुयायी बताया गया है।

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