भारत गणराज्य में उन्तीस राज्यों और दो केन्द्र-शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुद्दुचेरी) की प्रत्येक सरकार के मुखिया को मुख्यमंत्री कहा जाता है। भारतीय संविधान के अनुसार राज्य स्तर पर राज्यपाल क़ानूनन मुखिया होता है लेकिन वास्तव में कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री ही होता है। राज्य विधान सभा चुनावों के बाद राज्यपाल सामान्यतः सरकार बनाने के लिए बहुमत वाले दल (अथवा गठबंधन) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता है।
राज्य का नाम | मुख्यमंत्री का नाम | राजनीतिक पार्टी का नाम |
आंध्र प्रदेश | जगन मोहन रेड्डी | वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी (वाई.एस.आर.सी.पी.) |
अरुणाचल प्रदेश | पेमा खांडू | पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल |
असम | हिमंत बिस्वा सरमा | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
बिहार | नितीश कुमार | जनता दल (यूनाइटेड) |
छत्तीसगढ़ | भूपेंद्र बघेल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दिल्ली | अरविंद केजरीवाल | आम आदमी पार्टी |
गोवा | प्रमोद सावंत | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
गुजरात | भूपेंद्रभाई पटेल | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
हरियाणा | मनोहर लाल खट्टर | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
हिमाचल प्रदेश | जयराम ठाकुर | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
झारखण्ड | रमेश बैसो | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
कर्नाटक | सिद्धारमैया | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
केरल | पिनाराई विजयन | मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी |
मध्य प्रदेश | शिवराज सिंह चौहान | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
महाराष्ट्र | उद्धव ठाकरे | शिव सेना |
मणिपुर | एन. बीरेन सिंह | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
मेघालय | कोनराड संगमा | नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) |
मिजोरम | जोरामथांगा | मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) |
नागालैण्ड | नेफ्यू रियो | नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (एनडीपीपी) |
ओडिशा | नवीन पटनायक | बीजू जनता दल |
पुडुचेरी (यू.टी) | नदेसन कृष्णासामी रंगासामी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पंजाब | चरणजीत सिंह चन्नी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
राजस्थान | अशोक गहलोत | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
सिक्किम | प्रेम सिंह तमांग | सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा |
तमिलनाडु | मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम |
तेलंगाना | के. चंद्रशेखर राव | तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) |
त्रिपुरा | माणिक साहा | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
उत्तराखंड | तीरथ सिंह रावत (10 मार्च 2021) | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
उत्तर प्रदेश | योगी आदित्यनाथ | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
पश्चिम बंगाल | ममता बनर्जी | अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस |
मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत की जाती है। राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति या तो आम चुनाव के बाद करता है या फिर तब करता है, जब मुख्यमंत्री के त्यागपत्र देने के कारण या बर्ख़ास्त कर दिये जाने के कारण उसका पद रिक्त हो जाता है।
आम चुनाव में किसी एक ही दल को विधानसभा में बहुमत प्राप्त हो जाये और उस दल का कोई निर्वाचित नेता हो, तब उसे मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करना राज्यपाल की संवैधानिक बाध्यता है। यदि मुख्यमंत्री अपने दल के आन्तरिक मतभेदों के कारण त्यागपत्र देता है, तो उस दल के नये निर्वाचित नेता को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जाता है।
मुख्यमंत्री पद के लिए संविधान में कोई योग्यता विहित नहीं की गयी है, लेकिन मुख्यमंत्री के लिए यह आवश्यक है कि वह राज्य विधानसभा का सदस्य हो। इस प्रकार मुख्यमंत्री में राज्य विधानसभा के सदस्य की योग्यता होनी चाहिए। राज्य विधानसभा का सदस्य न होने वाला व्यक्ति भी मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि वह 6 मास के अन्तर्गत राज्य विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाये।
21 सितम्बर, 2001 को उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार किसी सज़ायाफ़्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य माना जाएगा।
सामान्यत: मुख्यमंत्री अपने पद पर तब तक बना रहता है, जब तक उसे विधानसभा का विश्वास मत प्राप्त रहता है। अत: जैसे ही उसका विधानसभा में बहुमत समाप्त हो जाता है, उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए। यदि वह त्यागपत्र नहीं देता है, तो राज्यपाल उसे बर्ख़ास्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री निम्नलिखित स्थितियों में बर्ख़ास्त किया जा सकता है:-