भारत में राष्ट्रपति के बाद उप-राष्ट्रपति का पद कार्यकारिणी में दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर विधायी कार्यों में भी हिस्सा लेता है। भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ हैं जो 11 अगस्त 2022 को चुने गये थे।
उपराष्ट्रपति का नाम | कार्यकाल (कब से कब तक) |
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | 13 मई 1952 से 14 मई 1957 तक |
डॉ. जाकिर हुसैन | 13 मई 1962 से 12 मई 1967 तक |
वराहगिरि वेंकटगिरि | 13 मई 1967 से 03 मई 1969 तक |
गोपाल स्वरूप पाठक | 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 तक |
बी.डी. जत्ती | 31 अगस्त 1974 से 30 अगस्त 1979 तक |
मोहम्मद हिदायतुल्लाह | 31 अगस्त 1979 से 30 अगस्त 1984 तक |
आर. वेंकटरमण | 31 अगस्त 1984 से 27 जुलाई 1987 तक |
डॉ. शंकर दयाल शर्मा | 03 सितम्बर 1987 से 24 जुलाई 1992 तक |
के. आर. नारायणन | 21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997 तक |
कृष्णकांत | 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002 तक |
भैरों सिंह शेखावत | 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007 तक |
मोहम्मद हामिद अंसारी | 11 अगस्त 2007 से 19 जुलाई 2017 तक |
वेंकैया नायडू | 11 अगस्त 2017 से 10 अगस्त 2022 तक |
जगदीप धनखड़ | 11 अगस्त 2022 से अब तक |
भारत के राष्ट्रपति पद के लिए निम्नलिखित योग्ताएं होना अनिवार्य है, कोई भी व्यक्ति उपराष्ट्रपति निर्वाचित होने के योग्य तभी होगा, जब वह निम्नलिखित शर्तो को पूरा करता है:-
राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन:-
उपराष्ट्रपति को उस अवधि के दौरान और उस अवधि के संबंध में, जब वह राष्ट्रपति के रूप में इस प्रकार कार्य कर रहा है या उसके कृत्यों का निर्वहन कर रहा है, राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ और उन्मुक्तियाँ होंगी तथा वह ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का जो संसद, विधि द्वारा, अवधारित करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, हकदार होगा।
उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण करने की तिथि से पाँच वर्ष तक अपने पद पर बना रहेगा और यदि उसका उत्तराधिकारी इस पाँच वर्ष की अवधि के दौरान नहीं चुना जाता है, तो वह तब तक अपने पद पर बना रहेगा, जब तक उसका उत्तराधिकारी निर्वाचित होकर पद ग्रहण नहीं कर लेता है। लेकिन उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख़ से पाँच वर्ष के अन्दर भी अपने पद से निम्नलिखित ढंग से हट सकता है या हटाया जा सकता है:-
उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए संकल्प या राज्य सभा में पेश किया जाता है, लेकिन उपराष्ट्रपति को पद से हटाने का संकल्प राज्यसभा में पेश करने के पहले उसकी सूचना उन्हें 14 दिन पूर्व देना आवश्यक है। राज्यसभा में संकल्प पारित होने के बाद उसे अनुमोदन के लिए लोकसभा को भेजा जाता है। यदि लोकसभा संकल्प को अनुमोदित कर देती है तो उपराष्ट्रपति को पद से हटा दिया जाता है। कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने की स्थिति में उपराष्ट्रपति को महाभियोग द्वारा केवल उसी प्रक्रिया के तहत हटाया जा सकेगा, जिस प्रक्रिया से संविधान में राष्ट्रपति पर महाभियोग स्थापित करने का प्रावधान है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत के उपराष्ट्रपति को कौन निकाल सकता ह?
लोकसभा की सहमति से राज्यसभा
किसने दो पूर्ण-अवधियों तक भारत के उपराष्ट्रपति का पद संभाला था?
एस० राधाकृष्णन
जब भारत के उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के स्थानापन्न रूप में काम करना होता है, तो उन्हें किसका वेतन प्राप्त होता है?
राष्ट्रपति का
जब राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के पद रिक्त हों, तो कौन-सा अधिकारी राष्ट्रपति के स्थानापन्न रूप में काम करता है?
उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति
भारत के उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए निर्वाचक मंडल होता है-
संसद के दोनों सदनों के सदस्य
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से संबंधित चुनाव विवादों का समझौता करने का अधिकार उच्चतम न्यायालय को है। यह उसका कैसा अधिकार है?
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से संबंधित चुनाव विवादों का समझौता करने का अधिकार उच्चतम न्यायालय को है। यह उसका मौलिक अधिकार है। मौलिक अधिकार भारत के संविधान के तीसरे भाग में वर्णित भारतीय नागरिकों को प्रदान किए गए वे अधिकार हैं जो सामान्य स्थिति में सरकार द्वारा सीमित नहीं किए जा सकते हैं और जिनकी सुरक्षा का प्रहरी सर्वोच्च न्यायालय है।