नाम | कार्यकाल | |
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद | 15 अगस्त 1947 | 22 जनवरी 1958 |
डॉ. के. एल. श्रीमली (राज्य मंत्री) | 22 जनवरी 1958 | 31 अगस्त 1963 |
हुमायूं कबीर | 01 सितम्बर 1963 | 21 नवम्बर 1963 |
एम. सी. सी. छागला | 21 नवम्बर 1963 | 13 नवम्बर 1966 |
फखरुद्दीन अली अहमद | 14 नवम्बर 1966 | 13 मार्च 1967 |
डॉ. त्रिगुण सेन | 16 मार्च 1967 | 14 फरवरी 1969 |
डा. वी. के आर. वी. राव | 14 फरवरी 1969 | 18 मार्च 1971 |
सिद्धार्थ शंकर रे | 18 मार्च 1975 | 20 मार्च 1972 |
प्रो. एस. नूरुल हसन (राज्य मंत्री) | 24 मार्च 1972 | 24 मार्च 1977 |
प्रो. प्रताप चंद्र चंदर | 26 मार्च 1977 | 28 जुलाई 1979 |
डॉ. करन सिंह | 30 जुलाई 1979 | 14 जनवरी 1980 |
बी. शंकरंद | 14 जनवरी 1980 | 17 अक्टूबर 1980 |
एस.बी. चव्हाण | 17 अक्टूबर 1980 | 08 अगस्त 1981 |
शीला कौल (राज्य मंत्री) | 10 अगस्त 1981 | 31 दिसम्बर 1984 |
के.सी. पंत | 31 दिसम्बर 1984 | 25 सितम्बर 1985 |
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) | 25 सितम्बर 1985 | 25 जून 1988, |
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) | 25 दिसम्बर 1994 | 09 फरवरी 1995, |
पी. वी. नरसिंह राव (प्रधानमंत्री) | 17 जनवरी 1996 | 16 मई 1996 |
पी. शिव शंकर | 25 जून 1988 | 02 दिसम्बर 1989 |
वी.पी. सिंह (प्रधानमंत्री) | 02 दिसम्बर 1989 | 10 नवम्बर 1990 |
राजमंगल पांडे | 21 नवम्बर 1990 | 21 जून 1991 |
अर्जुन सिंह | 23 जून 1991 | 24 दिसम्बर 1994, |
अर्जुन सिंह | 22 मई 2004 | 22 मई 2009 |
माधवराव सिंधिया | 10 फरवरी 1995 | 17 जनवरी 1996 |
अटल बिहारी वाजपेयी (प्रधानमंत्री) | 16 मई 1996 | 01 जून 1996 |
एस. आर. बोम्मई | 05 जून 1996 | 19 मार्च 1998 |
डॉ. मुरली मनोहर जोशी | 19 मार्च 1998 | 21 मई 2004 |
श्री कपिल सिब्बल | 22 मई 2009 | 28 अक्टूबर 2012 |
एम.एम. पल्लम राजू | 29 अक्टूबर 2012 | 25 मई 2014 |
स्मृति ईरानी | 26 मई 2014 | 05 जुलाई 2016 |
प्रकाश जावडेकर | 05 जुलाई 2016 | 30 मई 2019 |
रमेश पोखरियाल निशंक | 30 मई 2019 | 07 जुलाई 2021 |
धर्मेंद्र प्रधान | 07 जुलाई 2021 | अब तक |
कुछ देशों में शैक्षिक मामलों से निपटने के लिए सरकार द्वारा नियुक्त किये गए जिम्मेदार व्यक्ति को शिक्षा मंत्री कहा जाता है। पोलिश-लिथुआनियाई राष्ट्रमंडल में 1773 में स्थापित इस तरह के पहले मंत्रालय को राष्ट्रीय शिक्षा आयोग माना जाता है।
भारत का शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के महत्वपूर्ण मंत्रालयों में से एक है। देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में संतुलन के लिए उल्लेखनीय और उपचारी भूमिका निभाता है। भारत की शिक्षा प्रणाली मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत ही आती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का सृजन भारत सरकार (व्यवसाय का आबंटन) नियम, 1961 के 174वें संशोधन के माध्यम से 26 सितम्बर, 1985 को किया गया था।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के लिए दो विभागों के माध्यम से कार्य करता है:
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग:
भारत में स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता के विकास के लिए उत्तरदायी है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग का लक्ष्य शिक्षा के सार्वभौमिकरण एवं युवाओं में से बेहतर नागरिक तैयार करना है। इसके लिए, नियमित रूप से विभिन्न नई स्कीमें एवं पहलें प्रारंभ की जाती हैं।
उच्चतर शिक्षा विभाग:
भारत में उच्चतर शिक्षा विभाग उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान में विश्व स्तरीय अवसर बनाने का कार्य करता है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय विद्यार्थी पीछे न रहें। इस प्रयोजनार्थ, सरकार ने भारतीय विद्यार्थियों को वैश्विक मतों का लाभ प्रदान करने के लिए कई संयुक्त उपक्रम प्रारंभ किए हैं। भारत का उच्चतर शिक्षा विभाग संयुक्त राज्य अमेरिका एवं चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी उच्चतर शिक्षा प्रणाली है।
भारत के शिक्षा मंत्रालय के प्रमख कार्य निम्नलिखित हैं:-
भारत के वर्तमान शिक्षा मंत्री का नाम धर्मेंद्र प्रधान है इन्होंने इस पद की शपथ 07 जुलाई 2021 को ग्रहण की थी। इससे पहले वे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री थे। धर्मेंद्र प्रधान से पहले इस पद पर रमेश पोखरियाल (भाजपा के वरिष्ठ नेता) ने 30 मई 2019 को शिक्षा मंत्री के रूप में पद ग्रहण किया था। भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद थे। वह 15 अगस्त 1947 से 22 जनवरी 1958 तक इस पद पर कार्यरत रहे।
शिक्षा किस सूची के अन्तर्गत आती है?
1976 से पूर्व शिक्षा पूर्ण रूप से राज्यों का उत्तरदायित्व था, लेकिन 1976 में किये गए 42वें संविधान संशोधन द्वारा जिन पाँच विषयों को राज्य सूची से हटाकर समवर्ती सूची में डाला गया, उनमें शिक्षा भी शामिल थी। गौरतलब है कि समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर केंद्र और राज्य मिलकर काम करते हैं।
नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार की सीमाओं के अंतर्गत क्या प्रतिष्ठित है?
राजकीय नीति के निदेशक सिद्धातों में नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार की सीमाओं के अंतर्गत प्रतिष्ठित है।
राज्य की नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार किस आयु तक के बच्चों को निशुल्क: एंव अनिवार्य शिक्षा देने की आशा की जाती है?
राज्य की नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क: एंव अनिवार्य शिक्षा देने की आशा की जाती है।
किस अधिनियम द्वारा सभी सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और कॉलेजों के लिए अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाया गया था?
लॉर्ड मैकाले वर्ष 1834 में भारत आया तथा उसे गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद के विधि सदस्य के तौर पर नियुक्त किया गया था वर्ष 1835 में लॉर्ड मैकाले ने अपना प्रसिद्ध स्मरण-पत्र (Minute) गवर्नर जनरल की परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जिसे लॉर्ड विलियम बैंटिक ने स्वीकार करते हुए अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम, 1835 पारित किया।
किस आयु तक संविधान में निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान पाने पर विचार किया गया है?
संविधान (छियासीवां संशोधन) अधिनियम, 2002 ने भारत के संविधान में अंत: स्थापित अनुच्छेद 21-क, ऐसे ढंग से जैसाकि राज्य कानून द्वारा निर्धारित करता है, मौलिक अधिकार के रूप में छह से चौदह वर्ष के आयु समूह में सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है।
वह आयोग कौन-सा है जिसने सबसे पहले भारत में प्राथमिक एंव माध्यमिक शिक्षा पर ध्यान दिया?
हंटर आयोग, 1882-83 (Hunter Commission, 1882-83) इस आयोग का कार्य विश्वविद्यालयो के कार्य की समीक्षा करना नहीं था, बल्कि इसे केवल प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा तक ही सीमित रखना था। सरकार प्राथमिक शिक्षा के सुधार एवं विकास की ओर विशेष ध्यान दे तथा इसका माध्यम स्थानीय भाषा ही हो।
अंग्रेजो ने भारत में अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम कब बनाया था?
ब्रिटिश हुकूमत के दौरान लार्ड मैकाले द्वारा वर्ष 1835 में भारत में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की शुरू की गई थी।